Rajya ke vikas Mein Sahayak Tatv|राज्य के विकास में सहायक तत्व क्या है?

राज्य के विकास में सहायक तत्व क्या है?


राज्य का विकास धीरे-धीरे और क्रमिक रूप से हुआ आ रहा है। और भविष्य में भी सदैव होता रहेगा, और राज्य का अधिकार अनेक कारणों तथा अनेक तत्वों के सहयोग से हुआ। इनमें से प्रमुख तत्व निम्नलिखित है -

1. रक्त संबंध:-

राज्य  की उत्पत्ति और विकास में रक्त संबंध का सबसे बड़ा योगदान रहा है। मनुष्य को मनुष्य के समीप लाने में प्राचीन काल से लेकर आज तक रक्त संबंध सर्वाधिक महत्वपूर्ण रहा है। इसी में सामाजिक संगठन की चेतना का उदय हुआ। इसी ने परिवारों, कुलो, कबीलों को एकता के सूत्र में बांधा तथा राज्य का विकास किया। व्यक्ति ने रक्त संबंध में बंद कर पहले परिवार सुर कुल फिर तभी ले और कवियों से जनपद तथा राज्य को जन्म दिया। जनसंख्या की वृद्धि के कारण कुटुंब बढे, कबीले का आकार बड़ा और जनपद तथा राज्य का विकास हुआ। इस प्रकार राज्य के जन्म और विकास में रक्त संबंध का महान योगदान है।


2. धर्म:-  

रक्त संबंध की   भांति  ने भी राज्य के विकास में महत्वपूर्ण भूमिका अदा की है। इसने राजनीतिक चेतना को जगाया और सामाजिक एकता बनाए रखने में सहयोग किया।राज्य के विकास में मनुष्य में संगठन एकता और अनुशासन लाने में धर्म ने बहुत अधिक सहायता की। प्राचीन काल में धर्म का बहुत महत्वपूर्ण स्थान होता था। आज भी विश्व के अधिक इस्लामिक देश धर्म प्रधान राज्य है

3. शक्ति तथा युद्ध:- 

राज्य के आरंभिक विकास में युद्धों का बहुत प्रभाव रहा है। अधिक शक्तिशाली कुटुंब और कविलो दूसरे कुटुंब और कबीलों को युद्ध के द्वारा अपने में मिलाया और अपने आधीन राज्यों की स्थापना की और इस प्रकार से भी राज्यों के विकास में सहायता हुई।

4. सहज सामाजिक मूल प्रवृत्ति:- 

मनुष्य एक सामाजिक प्राणी है और स्वभाव तथा समाज में रहना पसंद करता है और समाज के बिना रह नहीं सकता। आज अधिकांश विद्वान यही मानते हैं कि मनुष्य के साथ ही समाज का जन्म हुआ, और समाज विकसित होने से राज्य का जन्म हुआ।

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राज्य की उत्पत्ति तथा विकास में मनुष्य की आर्थिक आवश्यकताओं का भी बहुत बड़ा योगदान रहा है। इतिहास के विकास और राज्य की स्थापना में सबसे अधिक योगदान आर्थिक शक्तियों का है।

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