Rajya ka Arth aur uski paribhasha| राज्य का अर्थ और उसकी परिभाषा

Rajya ka Arth aur uski paribhasha| राज्य का अर्थ और उसकी परिभाषा

प्रस्तावना:-

राजनीति विज्ञान के अध्ययन का केंद्र बिंदु राज्य है। इस विषय में राज्य के बारे में सब कुछ जानने का प्रयास किया जाता है। राज्य आधुनिक युग की सर्वोच्च राजनीतिक इकाई है। प्रश्न यह है कि राज्य क्या है? यानी राज्य की परिभाषा क्या है?


राज्य का अर्थ और परिभाषा:-

वास्तव में राज्य शब्द का प्रयोग एक ऐसे संगठित मानव समूह के लिए किया जाता है जो किसी निश्चित भूभाग मैं  रहते हैं और जिनकी अपनी स्वतंत्र संगठित सरकार हो, जो संप्रभुता संपन्न हों। राज्य शब्द का वैधानिक अर्थ समझने के लिए हमें इसकी अंग्रेजी शब्द “स्टेट” का अर्थ समझ लेना चाहिए। यह शब्द लैटिन भाषा के ‘स्टेटस’ शब्द से बना है जिसका अर्थ है ‘व्यक्ति का सामाजिक स्तर’। प्राचीन काल में ऐसे पॉलिश कहा जाता था। अब विद्वानों द्वारा दी गई राज्य की कुछ परिभाषाएं जानना आवश्यक है। इनमें निम्नलिखित परिभाषाएं मुख्य है–

 अरस्तु के अनुसार–  

राज्य परिवारों तथा ग्रामों का एक ऐसा संघ है जिसका उद्देश्य एक पूर्ण एक आत्मनिर्भर जीवन की प्राप्ति करना है जिसका महत्व एक सूखी सम्मानित मानव जीवन से है।

 सिसरो के अनुसार–

 राज्य बहुसंख्यक मनुष्यों का वह समाज है जिसके सदस्यों में अधिकारों तथा समाज के लोगों को परस्पर मिलकर उपयोग करने  की भावना हो।

वोदां के मतानुसार–

 राज्य कुटुंबों और उनकी सामान्य संपत्ति का ऐसा समुदाय है जो सर्वोच्च शक्ति तथा विवेक द्वारा शासित हो।

राज्य की सर्वश्रेष्ठ परिभाषा विद्वान गवर्नर की मानी जाती है। यह परिभाषा निम्नलिखित है—

‘राजनीति विज्ञान और सार्वजनिक कानून की धारणा के अनुसार राज्य थोड़ी अधिक मनुष्यों का एक ऐसा समुदाय है जो किसी निश्चित भूभाग पर स्थाई रूप से निवास करता हो और जो किसी बाहरी नियंत्रण से पूर्णतया  या अधिकांशत मुक्त हो, जिसकी एक सुसंगठित सरकार हो जिस के आदेशों का पालन निवासियों की विशाल समुदाय द्वारा स्वभावत: किया जाता हो।
उपयुक्त परिभाषा इसलिए महत्वपूर्ण और सर्वश्रेष्ठ मानी जाती है क्योंकि इसमें राज्यों के चारों संगठक तत्वों का वर्णन आ जाता है।

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